भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने के सपने के साथ क्रिकेटर बचपन से काफी मेहनत करके कई परिस्थित और प्रतियोगिता के बाद भारतीय क्रिकेट टीम तक पहुंचते हैं। जिसके बाद खिलाड़ियों के पास टीम में बने रहने का दवाब भी होता है। लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के वन डे फॉर्मेट में चार ऐसे खिलाड़ी हुए हैं। जिसका सफर पहले मैच के बाद ही खतम हो गया है। जानिए कौन है वो चार खिलाड़ी..
1- फैज फजल
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में 7 सितम्बर 1985 को बाएं हाथ के बल्लेबाज फैज फजल का जन्म हुआ। वो विदर्भ क्रिकेट टीम के लिए सेंट्रल जोन, इंडिया रेड, इंडिया अंडर -19, रेलवे और राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए भी अपने करियर में खेल चुके हैं। जिसके बाद 2015-16 में देवधर ट्रॉफी में इंडिया बी के खिलाफ फाइनल मैच में भारत ए की तरफ से 100 रन और फैज फजल ने 2015-16 के ईरानी कप में मुंबई के खिलाफ रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए 127 रन बनाए। इसी के बाद खिलाड़ी को 2018-19 दिलीप ट्रॉफी में इंडिया ब्लू टीम के कप्तान की भूमिका दी गई। जिसके बाद ही खिलाड़ी फैज फजल ने अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ खेलकर 90.16 की स्ट्राइक रेट से 61 गेंदों पर 55 रन बनाए। लेकिन खिलाड़ी के लिए ये ही मैच उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच भी बन गया।
2 – परवेज रसूल
जम्मू कश्मीर में 13 फरवरी 1889 में दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ ब्रेक गेंदबाज ऑल राउंडर खिलाड़ी परवेज रसूल का जन्म हुआ। साल 2014 की आईपीएल की ऑरेंज आर्मी ने सनराइजर्स हैदराबाद ने 95 लाख में उन्हे अपने साथ शामिल किया। बता दे, परवेज रसूल जम्मू और कश्मीर के पहले क्रिकेटर थे, जिन्हें IPL में खेलने का मौका मिला था। जिसके बाद खिलाड़ी को भारतीय टीम ने भी खेलने का मौका मिला। परवेज रसूल ने बांग्लादेश के खिलाफ 15 जून 2014 को भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना पहला वनडे इंटरनेशनल में डेब्यू किया था। इस मैच में खिलाड़ी ने दो विकेट भी लिए थे। लेकिन खिलाड़ी का बांग्लादेश के खिलका उनका ये पहला मैच अभी आखिरी बना हुआ है।
3 – बी.एस. चंद्रशेखर
बी.एस. चंद्रशेखर को उनके एक अनोखे रिकॉर्ड के लिए जाना जाता है। वो दुनिया के एक मात्र ऐसे खिलाड़ी है। जिन्होंने अपने पूरे टेस्ट और प्रथम श्रेणी करियर में रन बनाने से ज्यादा विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने 58 टेस्ट मैच खेले जिसमें 29.74 की औसत के साथ 242 विकेट लिए। अपने 16 साल का करियर ओ बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया गया था।
वहीं 1972 में चंद्रशेखर को “विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर” के नाम पर मनोनीत भी किया गाया था। साथ ही 2002 में खिलाड़ी ने भारत के लिए ये खिताब जीता भी था। लेकिन वनडे इंटरनेशनल मुकाबले में 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें मौका मिला जिसमें उन्होंने 12 के औसत से 36 रन देकर 3 विकेट झटके थे और साथ ही बल्लेबाजी में 13 गेंदों पर 11 रन भी बनाए थे। जिसके बाद उन्हें उन्हें वन डे मैच दोबारा मौका नहीं मिला।
4 – पंकज सिंह
भारतीय क्रिकेट के वन डे फॉर्मेट में पंकज सिंह ने 5 जून 2010 को श्रीलंका के खिलाफ अपने करियर का पहलाबार आखिरी वनडे इंटरनेशनल मैच खेला था। खिलाड़ी को घरेलू सीजन में अच्छा करने के बाद एक मौका मिला जकी आखिरी साबित हुआ। पंकज सिंह का जन्म 6 मई 1985 को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ। तेज गेंदबाज पंकज सिंह ने श्रीलंका के खिलाफ 42 गेंदों पर 45 रन बनाए लेकिन दोबारा उनका नंबर भारतीय टीम में नहीं आया।
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