क्रिकेट के खेल में किसी भी खिलाड़ी (Cricketers) द्वारा अपनी टीम को जीत दिलाने के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा जाता है। हालांकि कई बार क्रिकेट में कुछ ऐसे क्षण सामने आए हैं, जब खिलाड़ियों द्वारा सहानुभूति बलिदान और निस्वार्थ ता का सच्चा उदाहरण पेश करते हुए सभी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीता गया है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम ऐसे ही 5 किस्सों के बारे में जानेंगे।
विराट कोहली को गौतम गंभीर ने दिया अपना मैन ऑफ द मैच अवार्ड
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर अपना मैन ऑफ द मैच अवार्ड युवा विराट कोहली को देकर सभी का दिल जीतने में कामयाब रहे। ईडन गार्डन में खेले गए मुकाबले के दौरान 315 रनों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए गंभीर और कोहली के बीच 224 रनों की यादगार साझेदारी हुई थी। जिसमें विराट कोहली द्वारा 107 रन बनाए गए थे, जबकि 150 रनों पर गंभीर नाबाद रहे थे और उन्हें मैन ऑफ द मैच से सम्मानित किया गया था। लेकिन गंभीर द्वारा युवा कोहली का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें अपनी ट्रॉफी दे दी गई थी।
रिचर्ड हेडली द्वारा नहीं लिये जा सके एक पारी में 10 विकेट
रिचर्ड हेडली द्वारा ब्रिस्बेन में 9/52 का यादगार स्पेल डाला गया था। इस मैच के दौरान वह दसवीं विकेट ले सकते थे, और जिम लेकर एक पारी में 10 विकेट लेने का कारनामा भी दिखा सकते थे। लेकिन उनके द्वारा निस्वार्थ टीम के लिए अपना व्यक्तिगत रिकॉर्ड नहीं देखा गया। मैच में साथी खिलाड़ी वॉन ब्राउन द्वारा 9वीं विकेट ली गई थी। हालांकि इस विकेट के दौरान हेडली का योगदान गेंदबाज से भी अधिक था। उनके द्वारा तेजी से दौड़ कर यह यादगार पारी पकड़ी गई थी। और 10 विकेट लेने पर उनके द्वारा अपने रिकॉर्ड भी दांव पर लगा दिए गए थे।
जवागल श्रीनाथ द्वारा कुंबले को दिया 10 विकेट लेने का मौका
दिग्गज स्पिनर अनिल कुंबले द्वारा दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के विरुद्ध 9 विकेट ले लिए गए थे। इस तरह से कुंडली गेंदबाजी करते नजर आ रहे थे जबकि दूसरी तरह से जवागल श्रीनाथ और पाकिस्तानी बल्लेबाज वकार यूनिस अपने विकेट गंवाने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं। लेकिन श्रीनाथ द्वारा ऑफ साइड में बाहर की तरह गेंदबाजी करके वकार को किसी भी तरह का गलती करने का मौका नहीं दिया गया। अनिल कुंबले द्वारा जिसके बाद वसीम अकरम को शोर्ट लेग पर खड़े फील्डर के हाथों कैच कराके 10 विकेट लेने का ऐतिहासिक कारनामा किया गया।
रोहित के 264 रनों में उथप्पा ने दिया योगदान
2014 में खेली गई श्रीलंका के विरुद्ध वनडे सीरीज रॉबिन उथप्पा और साहा की कमबैक सीरीज थी। दोनों ही खिलाड़ी एक पारी खेलकर टीम में अपनी जगह बनाने के लिए बेताब नजर आ रहे थे। सीरीज के पहले तीन मैचों के दौरान साहा को मौका दिया गया, जबकि फाइनल के दो मैचों में प्लेइंग इलेवन में उथप्पा अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे। जिस समय मैच के दौरान उथप्पा बल्लेबाजी करने उतरे, उस समय भारत का स्कोर 276/04 था।और 155 रनों पर रोहित नाबाद थे, जबकि अभी 9 ओवर शेष थे। इस दौरान उथप्पा द्वारा सिर्फ 16 गेंद खेली गई जबकि रोहित द्वारा अंतिम 54 गेंदों में से 43 गेंदें खेलकर 91 रन बनाकर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया गया। मैच के दौरान अगर उथप्पा द्वारा सैक्रिफाइस नहीं किया जाता तो इस रिकॉर्ड को रोहित हासिल करने में कभी कामयाब ना हो पाते।
बिना आउट दिए वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पवेलियन लौटे एडम गिलक्रिस्ट
यकीनन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर बल्लेबाजों में से आस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट एक रहे हैं। उनकी आक्रमक पारियों और अद्भुत कीपिंग के चलते आस्ट्रेलिया कई यादगार जीत दर्ज करने में कामयाब रहा। एक अच्छे क्रिकेटर होने के साथ-साथ एडम गिलक्रिस्ट एक बहुत ही अच्छे और ईमानदार खिलाड़ी भी रहे हैं। श्रीलंका के विरुद्ध वर्ल्ड कप सेमीफाइनल जैसे महत्वपूर्ण मैच के दौरान ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 5 ओवरों में 34 रन था। जिसके बाद गिलक्रिस्ट द्वारा अरविंद डी सिल्वा की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने का प्रयास किया गया, और गेंद उनके बल्ले का एज लेकर चली गई लेकिन अंपायर उसे नहीं देख सके, बिना अंपायर के आउट दिए ही गिलक्रिस्ट पवेलियन लौट गए।
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