8 खिलाड़ी जिन्होंने मौत से जंग लड़ देश के लिए अपनी जान लगाई दांव पर, लिस्ट में युवराज सिंह का नाम भी शामिल

 


Cricketer : क्रिकेट ऐसा खेल है जहां पर तमाम तरह के प्रतिभावान खिलाड़ी देखने को मिले है। ऐसे में कई ऐसे क्रिकेटर  भी देखने को मिले,जिन्होंने अपने शरीरिक विकारों को भूलकर क्रिकेट की दुनियां मे कदम रखा और अपने प्रतिभा के दम पर क्रिकेट की दुनियां मे छा गए। क्रिकेट की दुनियां मे ऐसा कोई एक मामला नही देखने को मिल है,बल्कि कई क्रिकेटर ऐसे हूएं जिन्होंने अपने राह मे अपने शारीरिक विकारों को नही आने दिया है। आइए जानते है उन खिलाड़ियों के बारें जिन्होंने अपने शारीरिक समस्याओं को हराते हुए अपने देश के लिए क्रिकेट खेलते हुए दिखाई दिए।

1. युवराज सिंह

इस लिस्ट मे सबसे पहला नाम युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का आता है। टीम इंडिया के महान ऑलराउंडरों मे से एक युवराज सिंह को 2011 वर्ल्ड कप से पहले कैंसर जैसे रोग का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने 2011 का वर्ल्ड कप खेला और टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। युवराज सिंह 2011 वर्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे थे। वह 2011 के पूरे वर्ल्ड कप के दौरान टीम इंडिया के लिए संकटमोचक साबित हुए। जब भी टीम इंडिया मुश्किल मे दिखाई दे रही थी उस दौरान युवराज सिंह (Yuvraj Singh) अपने गेंद और बल्ले दोनों से कमाल दिखा कर टीम इंडिया को संकट से उबार देते थे। कैंसर होने के बाद भी देश सेवा की ऐसी भावना युवराज सिंह को महान बनाती है। युवराज सिंह के इस जज्बे को क्रिकेट फैंस आज भी सलाम करते है।

2. क्रिस गेल

वेस्टइंडीज के धाकड़ सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल (Chris Gayle) भी उन्ही खिलाड़ियों मे से एक है,जिन्होंने शारीरिक विकार होने के बाद भी वेस्टइंडीज के लिए लंबे अंतराल तक क्रिकेट खेलें। क्रिस गेल को 2005 के समय पता चला की उनके दिल में छेद है,इसके बाद भी क्रिकेटर ने हार नही मानी और अपने इस शारीरिक कमी से जूझते हुए वेस्टइंडीज के लिए क्रिकेट खेला। क्रिस गेल (Chris Gayle) ने अपनी धाकड़ बल्लेबाजी से पूरे विश्व के गेंदबाजों पर राज किया। कोई भी गेंदबाज क्रिस गेल के सामने गेंद डालने से बचना चाहता था।

3. मैथ्यू वेड

ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड (Matthew Wade) भी उन खिलाड़ियों मे से एक हैं,जो शारीरिक कमी होने के बावजूद क्रिकेट खेले और अपने खेल से पूरे विश्व मे नाम कमाया। मैथ्यू वेड (Matthew Wade) ने ऑस्ट्रेलिया के लिए लंबे समय तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेला है। मैथ्यू वेड को कलर ब्लाइन्डनेस की समस्या है,रंग न पहचान पाने की समस्या से लड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए इन्होंने क्रिकेट खेला। 2021 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबलें को इन्होंने ने ही अपनी तेजतर्रार बल्लेबाजी की बदौलत बदला था और सेमीफाइनल जीताकर ऑस्ट्रेलिया को फाइनल तक ले गए। जहां ऑस्ट्रेलिया ने न्यूज़ीलैंड को हराकर पहली बार टी20 वर्ल्ड कप जीतने का गौरव प्राप्त किया था।

4. वाशिंगटन सुंदर

टीम इंडिया के युवा ऑलराउंडर वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) जिन्होंने केवल 18 वर्ष की उम्र मे टीम इंडिया क्वे लिए डेब्यू किया था। वह भी एक प्रकार के शारीरिक विकार से जूझते है,वाशिंगटन सुंदर को सिर्फ एक ही कान से सुनाई देता है। वह सिर्फ एक ही कान से सुनते हुए है खेलते है इसके बावजूद भी सुंदर ने टीम इंडिया के लिए खेलते हुए दिखाई देते है और अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबका मन जीत लेते है। वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) आने वाले समय मे टीम इंडिया के एक बेहतरीन ऑलराउंडर बन सकते है।

5. मार्टिन गुप्टिल

न्यूज़ीलैंड के सलामी बल्लेबाज मार्टिन गुप्टिल (Martin Guptil) ने भी अपनी प्रतिभा से क्रिकेट की दुनियां मे अपना नाम कमाया है। मार्टिन गुप्टिल (Martin Guptil) भी उन्ही क्रिकेटरों की लिस्ट में हैं जो शारीरिक विकार के बाद भी क्रिकेटर बने है। मार्टिन गुप्टिल के बाएं पैर में सिर्फ दो ही अंगुली होने के बावजूद न्यूज़ीलैंड के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेला है और कई अहम मौकों पर न्यूज़ीलैंड की टीम को जीत दिलाई है। 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मे धोनी को रन आउट करने वाले खिलाड़ी मार्टिन गुप्टिल ही थे।

6. पैट कमिंस

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) भी शारीरिक विकार से ग्रस्त है। पैट कमिंस की दाहिने हाथ की बीच की अंगुली छोटी है,हैरान होने वाली बात यह की पैट कमिंस (Pat Cummins) उसी हाथ से गेंदबाजी करते हुए क्रिकेट की दुनियां में सबसे बड़े गेंदवाज़ों मे से एक है। पैट कमिंस की अगुवाई मे ही ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम ने टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशीप के फाइनल मे हराकर चैंपियन बनी थी।

7. वकार यूनिस

ओकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनिस (Waqar Yunis) की बाएं हाथ की छोटी अंगुली नही थी। इस शारीरिक विकार के बावजूद पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनिस (Waqar Yunis) विश्व के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों मे गिने जाते है। वकार यूनिस की गेंदों का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नही था। विश्व का कोई भी बल्लेबाज वकार यूनिस की गेंदों का सामना करने से डरता था।

8. चार्ली मैक्लायड

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटेर चार्ली मैक्लायड (Charlie McLeod) एक बड़े शारीरिक विकार से ग्रस्त थे। इसके बावजूद भी उन्होंने हार नही मानी और वह इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेले। चार्ली मैक्लायड (Charlie McLeod) कान से बहरे थे और इस समस्या के कारण वह सिर्फ एक बार ही आउट हुए थे। चार्ली मैक्लायड ने बहरे होने के बाद भी एक बेहतरीन क्रिकेटर के रूप मे अपनी पहचान बनाई थीऔर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा भी बने थे।

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