रोहित ने हाल ही में पीटीआई को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में बताया कि,
"मैं उदास था, और अपने कमरे में बैठा था, और पता नहीं था कि आगे क्या करना है। मुझे याद है कि उस वक्त युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और डिनर के लिए बाहर ले गए। उन्होंने मुझे समझाया कि जब आप टीम से बाहर हो जाते है तो कैसा लगता है। उन्होंने मुझे कहा कि, सबसे अच्छी चीज है कि तुम्हारे सामने अभी बहुत सारे साल पड़े हुए हैं। हम विश्व कप खेलेंगे और तुम इस वक्त अपनी गेम, स्किल्स पर मेहनत करो और वापसी करो। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि तुम भारत के लिए नहीं खेलोगे, और तुम्हें विश्व कप में खेलने का मौका नहीं मिलेगा।"
शायद युवराज के इसी सलाह के बाद रोहित की मेहनत की और टीम में वापसी की। चैंपियंस ट्रॉफी 2013 में अचानक एमएम धोनी ने मध्यक्रम के बल्लेबाज रोहित शर्मा को ओपनिंग करने का मौका दिया और फिर वहां रोहित की पूरी किस्मत बदल गई।
रोहित की दृढ़ता काम आई और उन्हें 2015 में पहली बार विश्व कप खेलने का मौका मिला। उस विश्व कप में रोहित भारत की ओर से दूसरे सबसे ज्यादा 330 रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। रोहित ने अपना दूसरा वनडे विश्व कप 2019 में खेला, जिसमें उन्होंने 5 शतकों की मदद से सबसे ज्यादा 648 रन बनाए। इसके लिए उन्हें आईसीसी का गोल्डन बैट अवॉर्ड भी मिला, और अब रोहित अपना तीसरा वनडे विश्व कप, और बतौर कप्तान पहला विश्व कप खेलने वाले हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि एक बल्लेबाज और कप्तान, दोनों के तौर पर उनका विश्व कप कैसा होता है।
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