"भारत को नंबर 4 पर केएल राहुल के साथ ही रहना चाहिए"- वर्ल्ड कप से पहले युवराज सिंह का बड़ा बयान

 


भारत के लिए वनडे क्रिकेट में नंबर 4 की पोजीशन हमेशा से ही काफी अहम रही है। कई खिलाड़ियों को टीम मैनेजमेंट ने इस नंबर पर खिलाया लेकिन उनमें से कुछ ही सफल हुए। हाल ही में इस पोजीशन पर केएल राहुल (KL Rahul) को मौका मिला था और उन्होंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को प्रभावित भी किया। इसी वजह से कई जानकार राहुल को ही नंबर 4 पर खिलाने का सुझाव दे रहे हैं और इस बात से पूर्व भारतीय ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) भी सहमत हैं। युवी को लगता है कि अभी नंबर 4 पर केएल राहुल काफी अच्छे लग रहे हैं और इस वजह से उन्हें इस पोजीशन पर आगे भी मौके मिलने चाहिए।

लम्बे समय तक अपनी चोट के कारण मैदान से दूर रहने वाले केएल राहुल ने एशिया कप 2023 में वापसी की और उन्हें श्रेयस अय्यर की पीठ की समस्या के कारण सबसे पहले पाकिस्तान के खिलाफ अचानक खेलने का मौका मिला। राहुल ने निराश नहीं किया और नंबर 4 पर एक बेहतरीन शतकीय पारी खेली।

वापसी के बाद से राहुल के बल्लेबाजी के आंकड़ों में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने दबाव को संभालने की क्षमता दिखाई है, जिससे भारत की बल्लेबाजी लाइनअप को मजबूती मिली है। हाल ही में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज के शुरूआती दोनों मुकाबलों में नंबर 4 पर ही दो बेहतरीन अर्धशतकीय पारियां खेली थीं।

द वीक से बात करते हुए, युवराज ने कहा कि राहुल को नंबर 4 पर 15-20 मैच दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा,

भारत चाहता है कि केएल राहुल अब नंबर 4 पर बल्लेबाजी करें। इस पोजीशन में उन्हें 15-20 मैच देने होंगे। एशिया कप में चोट से वापसी करते हुए उन्होंने 100 रन बनाए। श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो की स्पिन पिच पर उन्होंने 39 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली। वह अभी अच्छी लय में हैं, इसलिए मैनेजमेंट को नंबर 4 पर उनके साथ रहने की जरूरत है।युवराज सिंह ने बताई नंबर 4 के बल्लेबाज की अहमियत

वनडे में भारत के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक युवराज ने भी अपने करियर में नंबर 4 पर कई बेहतरीन पारियां खेली। उनके नाम 108 पारियों में छह शतक की मदद से 3415 रन दर्ज हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने नंबर 4 की पोजीशन को काफी अहम बताया और कहा,

नंबर 4 एक महत्वपूर्ण पोजीशन है, खासकर अगर ओपनिंग बल्लेबाज सस्ते में आउट हो जाते हैं। नंबर 4 के बल्लेबाज के पास गेंद छोड़ने, छोटी गेंदों को अच्छी तरह से खेलने और साझेदारी बनाने की कोशिश करने की तकनीक होनी चाहिए।

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