ब्रैंडन मैकुलम के इंग्लैंड क्रिकेट टीम का टेस्ट कोच बनते ही इंग्लैंड ने जिस तरह का आक्रामक खेल खेलना शुरू किया उसने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। टेस्ट में इंग्लैंड के इस आक्रामक खेल को बैज़बॉल के नाम से भी काफी प्रसिद्धि मिली और भारत के खिलाफ पहले टेस्ट में विजयी होने से पहले भी 'बैज़बॉल' शब्द काफी सुर्खियां बटोर रहा था और पहले टेस्ट के बाद इंग्लैंड ने ये दिखा भी दिया कि आखिरकार बैज़बॉल कहते किसे हैं।
इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैकुलम के उपनाम (बैज़) की वजह से बैज़बॉल सुनने में आया। हालांकि, मजे की बात ये है कि उन्हें खुद ये शब्द पसंद नहीं है। ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स किया है। स्टोक्स ने पांच मैचों की सीरीज के पहले मैच के बाद स्थानीय प्रसारक से बात की और इस शब्द के बारे में अपनी राय दी।
स्टोक्स ने जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा, “ये एक मुहावरा है जो मीडिया द्वारा बनाया गया है। हम इससे दूर रहते हैं। ये सिर्फ इस बात से आया है कि हम पिछले दो वर्षों में क्या करने में कामयाब रहे हैं और हमने कैसे खेला है। जरूरी नहीं कि हमें ये पसंद हो, बैज़ (कोच ब्रेंडन मैकुलम) को इससे नफरत है। जब भी वो शब्द सामने आता है, तो हम बस ये कहने की कोशिश करते हैं कि इंग्लैंड टेस्ट क्रिकेट कैसे खेलता है।”
इतना ही नहीं, बैज़बॉल शब्द को पिछले साल कोलिन्स डिक्शनरी में भी जोड़ा गया था। बैज़बॉल के शब्दकोश में दी गई परिभाषा इस प्रकार है, "टेस्ट क्रिकेट की एक शैली जिसमें बल्लेबाजी करने वाली टीम अत्यधिक आक्रामक तरीके से खेलकर पहल हासिल करने का प्रयास करती है।"
ज़ाहिर है कि मैकुलम को ये शब्द पसंद नहीं है लेकिन जिस तरह से ये शब्द प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है अब इसे इंग्लिश टीम से अलग कर पाना बहुत मुश्कििल होगा।
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