3 Reason Indian Batters Flop Performance In Tests : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आगाज हो गया है। पर्थ टेस्ट का पहला दिन पूरी तरह से तेज गेंदबाजों के नाम रहा। पहले टीम इंडिया के बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे और कोई भी खिलाड़ी अर्धशतक नहीं लगा पाया। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज भी फ्लॉप रहे। हालांकि टीम इंडिया की बैटिंग को लेकर अब काफी सवाल खड़े हो रहे हैं। पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने होम ग्राउंड में भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं पा रहे थे और अब पेसर्स के सामने भी सभी खिलाड़ी ढेर हो गए।
ऐसे में फैंस के मन में यही सवाल है कि आखिर क्यों भारतीय बल्लेबाज लगातार फेल हो रहे हैं। हम आपको इसके तीन बड़े कारण बताते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है।
3.अनुभव की कमी
भारतीय टीम की फ्लॉप बल्लेबाजी के पीछे का एक बड़ा कारण बल्लेबाजों के अंदर अनुभव की कमी होना है। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को छोड़ दिया जाए तो बाकी बल्लेबाजों के पास उतना अनुभव नहीं है। यशस्वी जायसवाल, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडीक्कल जैसे खिलाड़ियों के पास उतना एक्सपीरियंस नहीं है कि किस कंडीशन में किस तरह से खेलना है। इसी वजह से भारतीय टीम की यह हालत हो जाती है।
2.प्रैक्टिस की कमी
भारतीय बल्लेबाजों के अंदर प्रैक्टिस की भी कमी दिखती है। ऑस्ट्रेलिया टूर से पहले टीम इंडिया ने एक भी प्रैक्टिस मैच नहीं खेला। भारत का एक प्रैक्टिस मुकाबला था लेकिन उसे रद्द कर दिया गया था और इसके बाद खिलाड़ियों ने आपस में खेला। जब आप किसी विदेशी टूर पर जाकर कोई प्रैक्टिस मैच नहीं खेलेंगे तो फिर मैच के दौरान बल्लेबाजी में इस तरह की हालत होनी है। अगर आप उस पिच पर प्रैक्टिस मैच खेलते तो फिर उसके हिसाब से खुद को ढाल सकते थे। नेट सेशन से ज्यादा फायदा नहीं होता है।
1.बल्लेबाजों के एप्रोच में बदलाव
अगर हालिया कुछ सालों को देखें तो भारतीय बल्लेबाजों के एप्रोच में काफी ज्यादा बदलाव आया है। अब टीम इंडिया के बल्लेबाज क्रीज पर टिककर खेलने की कोशिश नहीं करते हैं। बल्कि जो भी खिलाड़ी आता है वो ताबड़तोड़ शॉट्स लगाना चाहता है। कई बार इस चक्कर में भी बल्लेबाज अपना विकेट गंवा देते हैं। जब तक आप क्रीज पर समय नहीं बिताएंगे तब तक उतना बेहतर तरीके से खुद को सेटल नहीं कर पाएंगे और इसी तरह से आउट होते रहेंगे।
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