भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच में ही अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया। अश्विन के संन्यास के बाद, से ही वो लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। कई दिग्गज उनके संन्यास से काफी हैरान दिखे जबकि कुछ ने उन्हें उनके शानदार करियर के लिए बधाई भी दी और उन्हीं में से एक भारत के एक और महान स्पिनर हरभजन सिंह भी हैं।
हरभजन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "मैं सोशल मीडिया को उतना ही पढ़ता हूं, जितना मुझे पढ़ना चाहिए। अगर मेरे और अश्विन के बीच कोई गलतफहमी होती है या कभी कोई लड़ाई, झगड़ा या असहमति होती है, तो मैं सबसे पहले उनके पास जाकर पूछूंगा कि समस्या क्या है। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ और ऐसा कभी नहीं होगा, क्योंकि जो कुछ भी उनके भाग्य में है, वो उन्हें मिलेगा और जो कुछ भी मेरे भाग्य में है, वो मुझे मिला। वो भारत के लिए एक बेहतरीन गेंदबाज रहे हैं। मैं उनकी उपलब्धि से बहुत खुश हूं।"
आगे बोलते हुए भज्जी ने कहा, "अगर लोग ट्विटर पर चीजों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और ऐसा दिखाते हैं कि मुझे अश्विन से कोई समस्या है, तो ये उनका दृष्टिकोण है। मैं इस तथ्य के बारे में थोड़ा मुखर हूं कि जिन पिचों पर भारत क्रिकेट खेलता है, वो अच्छी क्रिकेट नहीं हैं, इन ट्रैक पर बहुत अधिक स्पिन होती है और मैच ढाई दिन में ही खत्म हो जाते हैं।"
वहीं, अगर अश्विन के करियर की बात करें तो अश्विन ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया, जिसमें 37 बार पांच विकेट लेने सहित 537 विकेट चटकाए और 3,503 रन बनाए। टेस्ट में, अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 मैचों में भाग लिया और 2.71 की इकॉनमी रेट से 115 विकेट चटकाए। 38 वर्षीय अश्विन के नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की एक सीरीज़ में सबसे ज़्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी है। उन्होंने प्रतिष्ठित सीरीज़ के 2020-21 संस्करण में 29 विकेट चटकाए।
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