पांच बार की विजेता ऑस्ट्रेलिया जब ओवल के मैदान पर भारत से भिड़ेगी तो क्रिकेट का रोमांच अपने चरम पर होगा। वैसे वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के आगे भारत हमेशा बौना ही साबित हुआ है। 2003 के फाइनल में भारत ऑस्ट्रेलिया के हाथों परास्त हुआ था। हालांकि, 2011 में भारत ने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर हिसाब बराबर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया कितनी ताकतवर टीम है, यह पिछले मैच में उसने वेस्टइंडीज के खिलाफ जता दिया था। भारत ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हरा चुका है। भारत के लिए तीन गेंदबाजी जीत की चॉबी साबित हो सकते हैं।
टॉस बेहद महत्वपूर्ण
ओवल की पिच को रनों की खान कहा जाए तो गलत नहीं होगा। बेहद सपॉट पिच है। यहां यदि भारत टॉस जीतता है तो पहले फील्डिंग करना पसंद करेगा। भारत की शक्ति रनों का पीछा करना है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली बेहतर खेलते हैं और उन्हें रन चैस पसंद है।
ऑस्ट्रेलिया की चौकड़ी बेहद खतरनाक
ऑस्ट्रेलिया कप्तान ऐरान फिंच, ओपनर डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ और मैक्सवेल की चौकड़ी भारत के लिए खतरा पैदा कर सकती है। डेविड वार्नर तो भारतीय गेंदबाजी को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। भारत को इन चारों से पार पाना होगा। हालांकि, पिछले मैच में जैसे कैरी और कोलटेन नाइल ने बल्लेबाजी की, उससे साफ हो गया है कि उनकी टीम में गहराई बहुत है।
बुमराह, चहल और यादव का रोल अहम
जसप्रीत बुमराह शुरुआत में टीम को विकेट दिलाने की काबिलियत रखते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरुआत में दो अहम विकेट लेकर बुमराह ने बल्लेबाजी की रीढ़ तोड़ दी थी। चहल भी अच्छे फॉर्म हैं। वो और कुलदीप यादव ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रह्मास्त्र साबित हो सकते हैं। खासकर चहल को पता है कि किस बल्लेबाज को कहां आउट करना है। टीम में बहुत बदलाव की गुंजाइज नहीं दिखती है। भुवनेश्वर कुमार गेंदबाजी की शुरुआत करते दिखेंगे और पांचवें गेंदबाज की कमी हार्दिक व जाधव पूरी करेंगे।
विराट, रोहित और धोनी बनाएंगे रन
शिखर धवन कुछ खास लय में नहीं दिख रहे हैं। रोहित शर्मा ने पिछले मैच में शतक लगाया था। वो ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बेहतर खेलते हैं। विराट कोहली और धोनी भी रन बनाएंगे। चौथे नंबर पर केएल राहुल, केदार जाधव और हार्दिक पांड्या पर रन बनाने का जिम्मा होगा। भारत सात बल्लेबाजों के साथ ही खेलने वाला है।