Sir Everton Weekes: कोरोना कहर के बीच खेल जगत को भी एक के बाद एक बड़ा नुकसान खिलाड़ियों के रूप में उठाना पड़ रहा है. इसी बीच क्रिकेट जगत को एक और बड़ा झटका लगा है. दरअसल दुनिया के मशहूर क्रिकेटरों की लिस्ट में अपना नाम बना चुके वेस्ट इंडीज के एवर्टन वीक्स (Sir Everton Weekes) ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. उनके निधन की खबर से पूरे खेल जगत में मातम पसरा हुआ है. इस समय एवर्टन की उम्र 95 साल की थी. उन्हें वेस्ट इंडीज में क्रिकेट के फाउडिंग फादर के तौर पर जाना जाता था. वीक्स ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत 1948 में की थी. इसके बाद पूरे 10 साल तक वो इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते रहे. उन्होंने क्रिकेट खेलने के दौरान 48 टेस्ट मैचों में 58.61 की औसत से 4 हजार 455 रन बनाए थे.
आपकी जानकारी कि लिए बता दें कि टेस्ट मैच में वीक्स (Sir Everton Weekes) का वो प्रदर्शन आज भी याद किया जाता है, जब उन्होंने 207 रन उस समय में बनाए थे. इतना ही नहीं वीक्स के बल्ले से उस समय 15 शतक भी निकले थे. और तो और लगातार 5 शतक ठोकने का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम है.
Heard about the passing away of West Indies legend , Sir Everton Weekes. He was one of the greats of the game My condolences to his family and loved ones. pic.twitter.com/eQQo3QXN7F
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) July 1, 2020
बता दें कि वीक्स क्रिकेट करियर में कुल 51 शतकों का अंबार लगा चुके हैं. इनमें से 15 इंटरनेशनल टेस्ट क्रिकेट और 36 फर्स्ट क्लास क्रिकेट में लगाए. वीक्स कुल 152 फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके थे.
कहते हैं कि मार्च महीने से लेकर दिसंबर 1948 के बीच वीक्स ने कुल पांच शतक लगातार ठोके थे. इसके बाद छठा शतक भी जड़ने का मौका उनके पास था. लेकिन उस दौरान अंपायर के गलत फैसले ने वीक्स (Sir Everton Weekes) को 90 रन पर ही रोक दिया, और वो आउट होकर वापस लौट गए.हालांकि इस मैच से पहले ही वीक्स ने अपने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 141 रन की धुआंधार पारी खेली थी. फिर भारत दौरे पर आने के बाद तो उन्होंंने 128, 194, 162 और 101 रन की पारी खेलकर लोगों को हैरान कर दिया. इस दौरान कुल 12 पारियों में वीक्स ने 1 हजार रन टेस्ट में बना लिए थे.
गरीब परिवार में हुआ था जन्म
दरअसल वीक्स (Sir Everton Weekes) साल 1925 में 26 फरवरी को बारबाडोस में एक गरीब परिवार में जन्मे थे. उनकी फैमिली एक लकड़ी के घर में रहा करती थी. गरीबी के इस हालात में उनके पिता पैसे कमाने के लिए त्रिनिदाद गए थे. अपनी घर की आर्थिक तंगी को देखते हुए उन्हें एक दशक तक पूरे परिवार से दूर रहना पड़ा था.ताकि अपने घर पर वो पैसा कमाकर भेज सकें. उस दौरान 14 साल के वीक्स थे जब उन्होंने स्कूल की पढ़ाई को छोड़ दिया और एक स्थानीय क्लब की ओर से खेलने लगे थे. उनकी मेहनत और हुनर ने बहुत ही कम समय में वीक्स के लिए एक नई राह बना दी. बता दें कि उस समय वीक्स एक अच्छे फुटबॉलर भी थे. यहां तक कि उन्होंने इस खेल में बारबाडोस का प्रतिनिधित्व भी किया था.
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